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Kavi Lakshmi narayan panna

Kavi Lakshmi narayan panna

मैंने सन 2000 में राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज लखनऊ से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की तत्तपश्चात वहीं से इंटरमीडिएट करने के बाद लखनऊ विश्वविद्द्यालाय से सम्बद्ध महाविद्द्यालय के के वी महाविद्द्यालय से जीवविज्ञान से स्नातक की उपाधि प्राप्त किया। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण मैं एक स्कूल में अद्ध्यापन करने लगा ।सन 2009 में मैंने लखनऊ विश्वविद्द्यालय से औद्योगिक रसायन में परास्नातक उपाधि प्राप्त की।और एक वर्ष पारस बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ में एनालिस्ट के पद पर कार्य किया।और सन 2014 से 10 जनवरी 2017 तक एमराल्ड 9 इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में रसायन शास्त्र के प्रवक्ता पद पर कार्यरत रहा ।वर्तमान में मैं ntpc सूपर थर्मल पावर स्टेशन रिहंद में कार्यरत हूँ । मुझे बचपन से ही हिंदी काव्य में रूचि थी इसलिये छोटी छोटी रचनाएं किया करता था ।वर्तमान में विविध काव्य रचनाओं एवं मार्मिक दृस्यों पर लेखन कार्य कर रहा हूँ । Read more eBooks by Lakshmi Narayan panna

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Articles à découvrir

हमने तो यूं ही कह दिया था , जान हाजिर है तेरे इश्क में । सुनकर मेरे अल्फ़ाज़ कम्बख्त ने , ने गोली चला दी ।।।

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Kavi LakshmiNarayan panna: क्या हाल किया इश्क में , घायल बना दिया । गले का हार बने ओ , हमे पायल बना दिया ।।

Ram rahim se Asharam tak

राम नाम की लूट है , लूटो और लुटाव। भक्त बावले हो गए , आशाराम कहाव।। राम नाम की लूट है , लूटो और लुटाव। भक्त बावले हो गए , आशाराम कहाव।।

गज़ब फितरत

गज़ब फितरत है आशिक़ों की यहाँ पन्ना।  मिले महबूब तो जाँ नशीं न मिले तो बेवफ़ा । ।  गज़ब फितरत है आशिक़ों की यहाँ पन्ना। मिले महबूब तो जाँ नशी